Sunday, May 30, 2010

शादी की ३७वीं सालगिरह

कोई - सौ किलोमीटर चलके आता है.
पुराने हो चुके किसी ३७ साल की बात के लिये
ज़ुबां पे एक शब्द तक नहीं,
सुबह से घर में चहल-पहल रहती है
पुलाव और मटर की खुश्बू में
कुछ रिश्ते महक रहे हैं
२९
मई २०१०
शादी की ३७वीं सालगिरह
माँ बाबूजी को
मुबारक हो

2 comments:

दिलीप said...

mubaarakaan...

Udan Tashtari said...

हमारी तरफ से भी मुबारकबाद दें माँ बाबू जी को.