एक पर्चे पे नाम लिखा
साहब(गुलज़ार) ने मेरा,
दिल ने ली अंगड़ाई है,
ठंडी हवा सी आई है,
इतराके, उछलके
फुदकके खुशी के दाने चुगती
मुद्दतों बाद
ज़िन्दगी पगलाई है।
एक पर्चे पे नाम लिखा
साहब(गुलज़ार) ने मेरा,
दिल ने ली अंगड़ाई है,
ठंडी हवा सी आई है,
इतराके, उछलके
फुदकके खुशी के दाने चुगती
मुद्दतों बाद
ज़िन्दगी पगलाई है।