Saturday, July 31, 2010

नई चिड़ियों में आग है

नई चिड़ियों में आग है
आजकल
हर तरफ दाग है
धू -धडाक, माथा-पच्ची यारों
ज़िंदगी साग है

किस करवट बैठेगी मुनिया
किसको है ये खबर
किस जगह ठहरेगी दुनिया
श्याम, सोम, समर/ रात- दिन- दोपहर

ताल है उल्टा- पुल्टा कुल्टा
बेसुरा राग है
नई चिड़ियों में आग है
आजकल
हर तरफ दाग है

फूँक मारके दिल बुझाए
एक ही इशारे से
दल बदलके उसकी हो जाए
एक ही किनारे से

काल बनके सर पे बैठे
खूबसूरत काग है
नई चिड़ियों में आग है
आजकल
हर तरफ दाग है

नई चिड़ियों में आग है
आजकल
हर तरफ दाग है
धू -धडाक, माथा-पच्ची यारों
ज़िंदगी साग है

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