बातों की बतीहर से रौशन, रातें काली काली है
रातें लम्बी लम्बी काली, खूं रगों में खाली है
है उचक्का दिल अगर तो, दिनभर दिवाली है
तू कहीं गर रुक गया तो, वक़्त की तू साली है
है बड़ा जालिम सिपाही, आँखों में तेरी लाली है
मिल गया हाथों से हाथ, तो समझना ताली है
ये कबीरा दिल लगा न, कोई नहीं दिलवाली है
रोयेगा मंदिर में जाके, तू भी एक सवाली है
है अगर सरकार तेरी, करनी तो रखवाली है
कुछ अगर खो गया तो, तू बड़ा मवाली है
रातें काली काली है, रातें काली काली है....
7 comments:
बहुत बढिया रचना है बधाई।
sundar rachana
iisanuii.blogspot.com
waah bahut khoob lajawaab rachna
अच्छी रचना ....
सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।
are bahut sundar gazal he
kyaa likhaa hai aapne.....dil jeet liyaa.........bahut sundar.
vaise apke blog sari rachanayen achchi hai ...padhkar achchha lagaa
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